
धमतरी – नगरी – करोड़ों के भवन जीर्णोद्धार कार्य में ठेकेदार की मनमानी…समय सीमा पूर्ण होने के बाद भी अधूरा..
नगरी/ निर्माण परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में ठेकेदारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे परियोजना की समय-सीमा तय करते हैं, कार्य क्रमों का समन्वय करते हैं, और संभावित देरी का प्रबंधन करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजनाएँ तय समय-सीमा के भीतर पूरी हो जाएँ। ठेकेदारों को निर्माण प्रक्रिया के दौरान कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। लेकिन धमतरी जिले के आदिवासी विकासखंड नगरी में ठेकदारों की मनमानी के चलते तय समय सीमा पर कार्य पूर्ण नहीं कर नियमों का उलंघन किया जा रहा है। वहीं धमतरी कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे ठेकेदारों को ब्लेक लिस्ट किया जाए।
बता दें कि सिंचाई विभाग के द्वारा सोंढूर परियोजना के अंतर्गत नगरी स्थित सिंचाई कालोनी के आवासीय भवनों का जीर्णोद्धार कार्य के लिए 1 करोड़ 25 लाख 06 हजार का टेंडर हुआ है इस राशि से 21 नग आवासीय भवनों का मरम्मत कार्य किया जाना है। यह कार्य 10.10.2024 से शुरुआत किया गया है। इस कार्य को लगभग नौ माह बीतने के बाद भी लापरवाह ठेकेदार मरम्मत कार्य को पूर्ण नहीं किया गया है, जबकि इस कार्य को 10.6.2025 तक पूर्ण करना था लेकिन ऐसा नहीं कर ठेकेदार के अनदेखी के चलते आज तक आवासीय भवन आधे अधूरे की स्थिति में है।
निर्माण परियोजना शुरू करते समय, सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक सही ठेकेदार का चयन करना है। एक ठेकेदार सिर्फ़ एक बिल्डर से कहीं ज़्यादा होता है; वे किसी भी निर्माण उद्यम के सफल निष्पादन के पीछे प्रेरक शक्ति होते हैं। किसी भी निर्माण परियोजना का सफल समापन इसमें शामिल विभिन्न पेशेवरों की विशेषज्ञता और योगदान पर बहुत ज़्यादा निर्भर करता है। उनमें से, ठेकेदार परियोजना के सुचारू निष्पादन और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। परंतु ठेकेदार और अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने जिम्मेदार है इस कार्य से समझा जा सकता है।
क्या कहता है नियम..
यदि कोई ठेकेदार निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने में विफल रहता है, तो उस पर कई तरह की कानूनी और संविदात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इसमें जुर्माना लगाना,अनुबंध रद्द करना, या कानूनी कार्यवाही शामिल हो सकती है।
अब देखना होगा कि समाचार प्रकाशित होने के बाद प्रशासन और सिंचाई विभाग के द्वारा ठेकेदार पर क्या कार्रवाई करता है..?